मकर संक्रांति सनातन परंपरा में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाना वाला त्यौहार है। इस त्यौहार को भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। देश के हिन्दी भाषी क्षेत्रों में इस त्यौहार को सामान्यतः मकर संक्रांति के नाम से ही जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति में रवि योग 15 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। साथ ही पुण्य काल 7 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
रवि योग में स्नान करने और सूर्य देव की उपासना करने से जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है। सूर्य भगवान की कृपा से लोगों की आयु में वृद्धि होती है और उन्हें अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि यदि रवि योग के समय किसी कार्य को करने की शुरुआत की जाए तो उसमें सफलता की संभावना अधिक होती है।
मकर संक्रांति पर स्नान-दान का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति को स्नान-दान के पर्व के नाम से जाना जाता है। इस दिन पवित्र नादियों में स्नान का और दान का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर पवित्र नदी गंगा में स्नान करने पर 10 अश्वमेध यज्ञ और 1000 गाय दान करने के समान शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन दीन, हीन और निर्धन लोगों को दान देने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है साथ ही भगवान सूर्य सभी कार्यों में सफल होने का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
मकर संक्रांति पर स्नान का मंत्र
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याभंतर: शुचि:।।
मकर संक्रांति पर दान करने के लाभ
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति पर दीन, दु:खी, दिव्यांग लोगों तथा गरीब ब्राह्मणों को दान देने से व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। दान करने वाले व्यक्ति का सम्पूर्ण जीवन खुशियों से भरा होता है। कहा जाता है कि इस दिन दिए गए दान का फल अक्षय होता है, जो कभी समाप्त नहीं होता। मकर संक्रांति के पुण्यदायी अवसर पर निम्नलिखित चीजों का दान करे-
अन्न और भोजन : अन्न और भोजन का दान करना मकर संक्रांति पर बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन खिचड़ी का दान जरूर करें, इससे घर में सुख और शांति का वास होता है। खिचड़ी के साथ ही इस दिन तिल और गुड़ के दान का भी विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर तिल और गुड़ का दान करने से धन लाभ होता है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इस दिन अनाज का दान करना भी बेहद अच्छा माना गया है। मकर संक्रांति के पराव पर किसी गरीब को भोजन करवाएं, इससे आपके ऊपर मां अन्नपूर्णा की कृपा होगी।
वस्त्र दान : मकर संक्रांति के पावन अवसर पर वस्त्र दान भी विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन दीन, दु:खी, निर्धन लोगों तथा गरीब ब्राह्मणों को नए वस्त्र, कंबल और स्वेटर का दान करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में समस्याएं समाप्त होती हैं और सुखमय जीवन का मार्ग प्रशस्त होता है।
शिक्षा दान : इस दिन किसी जरूरतमंद बच्चे को शिक्षा प्रदान करने का संकल्प लेना भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन गरीब बच्चों को कॉपी, किताबें या शिक्षा से संबंधित सामग्री दान करें। साथ ही यदि आप समर्थ हो तो किसी निर्धन बच्चे को पढ़ाने का संकल्प लें और उसके लिए कार्य करें।
सूर्य देव की होती है विशेष कृपा
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर यदि हम पवित्र जल स्रोतों में विधि पूर्वक स्नान करते हैं और दीन, हीन और असहाय लोगों को दान देते हैं तो भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है।